ॐ को सभी मंत्रों का सार कहा जाता है | एक अक्षर के अंदर पूरा ब्रह्मांड समाहित होता है, इसके उच्चारण के बाद मन को जिस शांति का अनुभव होता है वह अतुलनीय है | ॐ के बिना हर मंत्र अधूरा है | हिन्दू धर्म में मंत्रों का विशेष स्थान है, परंतु आज हम आपको जिस मंत्र के विषय में बताने जा रहे हैं वह आने वाले किसी भी संकट को टाल पाने में सक्षम है |
मृत्युंजय मंत्र एक श्लोक है जिसका वर्णन हमें ऋंगवेध में सुनने को मिलता है | ऋंगवेध में इस मंत्र को काफी शक्तिशाली बताया गया है, हमारे शास्त्रों के अनुसार इस मंत्र का जाप करने से मृत्यु से बचा जा सकता हैं | इसके साथ आपकी मृत्यु टल जाती है, इस मंत्र के जरिये हम भगवान शिवजी से एक सेहतमंद जीवन की कामना करते है | वहीं ऋंगवेध में तीन तरह के मृत्युंजय मंत्र बताये गए है जिनके नाम मृत्युंजय मंत्र, संपुटयुक्त महामृतुंजय मंत्र और लघु मृतुन्जय मंत्र |
| | मृत्युंजय मंत्र | |
'ऊं त्रयम्बकं यजामहे, सुगन्धिं पुष्टिवर्धनं उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मोक्षिय मामृतात् |'
| |संपुटयुक्त मृत्युंजय मंत्र | |
'ॐ हौं जूं सः ॐ भूर्भुवः स्वः ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॐ स्वः भुवः भूः ॐ सः जूं हौं ॐ !!
| | लघु मृत्युंजय मंत्र | |
ॐ जूं स माम् पालय पालय स: जूं ॐ। किसी दुसरे के लिए जप करना हो तो-ॐ जूं स (उस व्यक्ति का नाम जिसके लिए अनुष्ठान हो रहा हो) पालय पालय स: जूं ॐ
प्रभावशाली है यह मंत्र
मृत्युंजय मंत्र काफी चमत्कारिक मंत्र है इसे जपने से अकाल मृत्यु तो टलती ही है, आरोग्यता की भी प्राप्ति होती है | स्नान करते समय शरीर पर लोटे से पानी डालते वक्त इस मंत्र का जप करने से स्वास्थ्य-लाभ होता है | शास्त्रों में मृत्युंजय मंत्र का जिक्र करते हुए बताया गया है कि इस मंत्र का जाप करने से कई तरह की तकलीफे और परेशानियों से मुक्ति पाई जा सकती है | इस मंत्र का उच्चारण करने से मनुष्य के सारे रोग दूर हो जाते है और जीवन में आने वाली हर समस्या टल जाती है | मृत्युंजय मंत्र का जाप करने से आपकी हर मनोकामनाएं पूरी होगी और आपको कार्य में भी सफलता मिलेगी | जानिए इस मंत्र का प्रयोग किन-किन स्थितियों में किया जा सकता है |
इन परिस्थितियों में करें मृत्युंजय मंत्र का जाप
1. अगर आपको धन में लगातार हानि हो रही है तो आप मृत्युंजय मंत्र का जाप करें | इस मंत्र का जाप करने से जीवन में कभी धन की हानि नहीं होगी |
2. अगर किसी प्रकार की गंभीर बीमारी होने पर आप मृत्युंजय मंत्र का जाप करें, आपको इन रोगों से जल्द मुक्ति मिलेगी |
3. वहीं मृत्युंजय मंत्र का जाप करने से पारिवारिक जीवन खुशहाल हो जाता है, संतान की प्राप्ति आसानी से हो जाती है | इसलिए जिन लोगों को संतान सुख नहीं है वे लोग मृत्युंजय मंत्र का जाप करना शुरू कर दें |
4. अगर आपके जीवन में किसी भी प्रकार की समस्या आती है तो मृत्युंजय मंत्र का जाप कीजिये, आपको सारी परेशानियों से छुटकारा मिल जायेगा |
5. आपके घर में क्लेश या लड़ाई-झगड़े होते है तो आपको इस मंत्र का जाप शुरू कर देना चाहिए | मृत्युंजय मंत्र का जाप करने से घर के सारे क्लेश और दिक्क़ते खत्म हो जाएगी |
6. अगर आपको रात्रि में बुरे सपने आते है तो आप इस मंत्र का जाप कीजिये, ये सपने आने बंद हो जायेगे |
कितनी बार करना चाहिए इस मंत्र का जाप
1. ज्योतिष के अनुसार सामान्य तौर पर इस मंत्र का जाप कम से कम 108 बार जरूर करना चाहिए |
2. किसी महारोग से कोई पीड़ित हो तब उससे छुटकारा पाने के लिए 11000 बार इस मंत्र का जाप करें |
3. जमीन-जायदाद के बंटवारे की संभावना हो |
किस तरह करें मृत्युंजय मंत्र का जाप
मृत्युंजय मंत्र का जाप करते समय कई तरह की विशेष बातों का ध्यान देना पड़ता है और इस मंत्र का जाप केवल रुद्राक्ष की माला पर ही किया जाता है | मृत्युंजय मंत्र से जुड़ी विधि कुछ इस प्रकार है-
1. शास्त्रों के अनुसार, इस मंत्र का जप करने के लिए सुबह 2 से 4 बजे का समय सबसे उत्तम माना गया है, लेकिन अगर आप इस समय मंत्र जाप नहीं कर पाते हैं, तो सुबह उठकर स्नान कर साफ कपडे़ पहने, फिर कम से कम पांच बार रुद्राक्ष की माला से इस मंत्र का जाप करें।
2. मृत्युंजय मंत्र का जाप आप सोमवार के दिन से प्रारम्भ करना शुरू करें | क्योंकि सोमवार का दिन भगवान शिव से जुड़ा हुआ है और सोमवार के दिन इस मंत्र का जाप करने से अधिक लाभ प्राप्त होता है |
3. इस मंत्र का जाप शुरू करने से पहले भगवान शिव की पूजा करें और इस मंत्र के जाप करने का संकल्प लें | संकल्प लेने के बाद आप इस मंत्र का जाप करना शुरू कर सकते है |
4. इस मंत्र का जाप पूरा होने के बाद आप एक हवन जरूर करवाए | और वहीं जो लोग हवन नहीं करवा सकते वे लोग इस मंत्र का जाप 25 हजार बार और करें |
इस मंत्र का जाप पूरा होते ही आपको इसका असर आपके जीवन पर दिखने लग जायेगा | वहीं आपकी रक्षा खुद भगवान शिव शंकर करेंगे | शास्त्रों के अनुसार आप जब इस मंत्र का जाप करते है तो भगवान शिव से इस बात की प्राथना जरूर करें कि वे हमें अच्छा और बेहतर स्वास्थय जीवन दें |
इन बातों का रखने ध्यान
1. जो भी मंत्र जपना हो उसका जप उच्चारण की शुद्धता से करें |
2. एक निश्चित संख्या में जप करें | पूर्व दिवस में जपे गए मंत्रों से, आगामी दिनों में कम मंत्रों का जप न करें | यदि चाहें तो अधिक जप सकते हैं |
3. मंत्र का उच्चारण होठों से बाहर नहीं आना चाहिए | यदि अभ्यास न हो तो धीमे स्वर में जप करें |
4. जप काल में धूप-दीप जलते रहना चाहिए |
5. रुद्राक्ष की माला पर ही जप करें |